गजानंद कश्यप, छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क, गरियाबंद
देवभोग_जनपद पंचायत देवभोग क्षेत्र की 40 पंचायतों में सफाई मद के नाम पर भारी वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने 1 सितम्बर को जांच दल का गठन किया था। पोर्टल खबर में प्रकाशित करने से आए खुलासे के अनुसार, पिछले चंद माह में लगभग 31 लाख रुपये का भुगतान उठाया गया है। इसमें सफाई कार्यों को लेकर फर्जीवाड़े के आरोप हैं।
हालांकि आदेश में जांच टीम को 15 दिन के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक जांच दल ने मौके पर जाकर कोई ठोस कार्यवाही शुरू नहीं की है।
❓ जांच में देरी पर उठते सवाल
आखिर क्यों पंचायतों से पुराने रिकॉर्ड और दस्तावेज़ अब तक उपलब्ध नहीं कराए जा सके?
40 पंचायतों की जांच एक साथ करना चुनौतीपूर्ण है, तो क्या प्रशासन ने इसके लिए अलग व्यवस्था नहीं की?
जांच दल के अधिकारी अपनी नियमित जिम्मेदारियों में व्यस्त हैं, तो क्या इतने बड़े घोटाले की जांच प्राथमिकता में नहीं है?
कागज़ी रिकॉर्ड के साथ भौतिक सत्यापन कब और कैसे होगा?
ग्रामीणों में बढ़ी नाराज़गी
पड़ताल के दौरान विभिन्न पंचायतों के ग्रामीणों ने गहरी नाराज़गी जाहिर की। उनका कहना है कि जब शिकायत सामने आ चुकी है और प्रशासन ने जांच समिति गठित कर दी है, तो फिर समयसीमा के भीतर जांच पूरी क्यों नहीं हो रही।
➡️ “हमारे गांव में सफाई का काम कागज़ों में दिखाया गया है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ। अगर जांच सही से होगी तो सच्चाई सामने आ जाएगी।” – एक ग्रामीण
➡️ “अगर प्रशासन ईमानदारी से जांच कराए तो फर्जी भुगतान करने वालों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। लेकिन जांच टलती रही तो मामला दब जाएगा।” – दूसरे ग्रामीण
➡️ “जनता के पैसों से सफाई के नाम पर लाखों रुपये का खेल हो रहा है। अब दोषियों को बेनकाब किया जाए।” – ग्रामीण महिला
ग्रामीणों का आरोप है कि देरी से जांच होने पर गड़बड़ी को दबाने की कोशिश की जा रही है।
अब देखना होगा कि प्रशासन कब जांच दल को सक्रिय करता है और 31 लाख रुपये के इस मामले की हकीकत कब तक सामने आती है।








