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अनुविभागीय अधिकारी राजस्व देवभोग के पारित आदेश को हल्का पटवारी द्वारा अवहेलना करने पर आखिर बैठना पड़ा पवित्र साहू को भूख हड़ताल पर...देखिए पूरे रिपोर्ट

गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क गरियाबंद 
देवभोग_जिले के धोराकोट के किसान पवित्र साहू राजस्व विभाग और पटवारी के चक्कर लगाते लगाते थक गया है दरसल उसके निजी जमीन की रकबा त्रुटि सुधार के लिए उसे राजस्व विभाग के चक्कर लगाना पड़ रहा है जबकि देवभोग अनुविभागीय अधिकारी ( राजस्व ) के द्वारा किसान पवित्र साहू के रकबा त्रुटि सुधार के लिए 26 जून 2025 लिखित आदेश सम्बंधित हल्का पटवारी को भेज दिया गया है।

काम के एवज में रिश्वत लेने का भी आरोप आवेदक ने लगाया था_

तो वही किसान पवित्र साहू ने तीन हजार रुपये तत्कालीन पटवारी ओंकार सोरी पर रिश्वत लेने का गम्भीर आरोप भी लगा था।

वर्तमान पदस्थ पटवारी ब्रह्मानन्द मरकाम ने बताया था_

वर्तमान पदस्थ पटवारी ब्रह्मानन्द मरकाम ने बताया कि किसान के रकबा बढाने से गांव की भौगोलिक स्थिति बदल जायेगा अवलोकन करने के लिए तहसीलदार साहब को भेजेंगे।

पवित्र साहू ने चेतावनी भी दे डाली थी कि न्याय नहीं मिलने पर भूल हड़ताल पर बैठूंगा_

किसान पवित्र साहू ने चेतावनी दी है कि अगर उसे न्याय नही मिलता है तो पूरे परिवार के साथ भूख हड़ताल में बैठने को मजबूर हो जाएंगे ।

आखिर कार मांग पूरी नहीं होने पर किसान पवित्र साहू को आज एसडीएम कार्यालय के पास पोस्टर टांग भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा। देखने वाली बात होगी कि अब शासन प्रशासन अब इस पर ध्यान देती है या नहीं।

भूख हड़ताल पर बैठे पवित्र साहू  ने किया कहा_

उनका साफ कहना है कि पूरी रिकॉर्ड मेरे नाम पर है तो मेरा बाकी जमीन कहा गया। मेरा पट्टा जमीन को घास जमीन में तब्दील कर दिया गया है जबकि मेरे नाम से पहले से ही पट्टा बना हुआ था। जब मा के मरने के बाद जब मैने फ़ोत कटाया तब मुझे पता चला कि मेरा ही जमीन का रकबा ऑनलाइन में अभी कम दिख रहा है तब जा के में तहसील ओर एसडीएम के चक्कर काटना शुरू कर दिया। तभी मेरे नाम से पटवारी को बंदोबस्त त्रुटि सुधारने के लिए एसडीएम ने आदेश जारी किया लेकिन उनके आदेश को पटवारी ने अनदेखा कर दिया। तब जाकर में आज भूख हड़ताल पर बैठा हूं आज 6 महीना हो गया मुझे न्याय नहीं मिल रही। इसलिए आज में भूख हड़ताल पर बैठा हूं जब तक मुझे न्याय नहीं मिलेगा में तब तक भूख हड़ताल पर बैठे रहूंगा जब तक मुझे न्याय नहीं मिल जाती।

सवालों के घेरे में_

6 महीने से घूम रहे किसान पवित्र साहू को भूख हड़ताल से न्याय मिलेगा भी या नहीं?

न्याय नहीं मिलने पर किसान आगे किया करेगा?

काम के एवज में रिश्वत लेने के आरोप पर पटवारी के ऊपर किया हो सकती है कार्यवाही?

या ऐसे ही सभी किसान को तहसील ओर एसडीएम कार्यालय के दफ्तर काटते रहना पड़ेगा?

क्या किसान पवित्र साहू को अपनी जमीन मिलेगी या नहीं?