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गरियाबंद में नक्सलियों की कमर टूटी! 19 लाख इनामी 4 हार्डकोर नक्सली सरेंडर, जंगल से हथियार-नकदी का बड़ा जखीरा


गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क गरियाबंद

गरियाबंद में नक्सलियों की कमर टूटी! 19 लाख इनामी 4 हार्डकोर नक्सली सरेंडर, जंगल से हथियार-नकदी का बड़ा जखीरा

गरियाबंद_गरियाबंद में नक्सलियों की कमर टूटी!छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को लेकर गरियाबंद पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिले में सक्रिय प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के डीजीएन डिवीजन के 4 हार्डकोर नक्सलियों ने रविवार को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।

आत्मसमर्पण जिला पुलिस, 65वीं व 211वीं बटालियन सीआरपीएफ और 207 कोबरा बटालियन के सामने हुआ। पुलिस अधिकारियों ने इसे नक्सल उन्मूलन अभियान की ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया है।

कौन-कौन नक्सली हुए सरेंडर

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली वर्षों से गरियाबंद, धमतरी, बस्तर और ओडिशा सीमा क्षेत्र में सक्रिय थे। इनमें –

* दीपक उर्फ भीमा मंडावी (डीव्हीसीएम रैंक, ₹8 लाख इनामी) – 2011 से सक्रिय, अब तक 25 से अधिक बड़ी नक्सली वारदातों में शामिल।

* कैलाश उर्फ भीमा भोगम (एरिया कमेटी सदस्य, ₹5 लाख इनामी) – पोलित ब्यूरो सदस्य/सीसीएम मोदेम बालाकृष्णन उर्फ मनोज की प्रोटेक्शन टीम का अहम हिस्सा।

* रनिता उर्फ पायकी (एरिया कमेटी सदस्य, ₹5 लाख इनामी) – लंबे समय तक ओडिशा व बस्तर क्षेत्र में सक्रिय, कई मुठभेड़ों में शामिल।

* सुजीता उर्फ उरें कारम (₹1 लाख इनामी)– संगठन की महिला सदस्य, लंबे समय से भूमिगत गतिविधियों में शामिल।

गोबरा जंगल में हुई मुठभेड़ और भारी बरामदगी

16-17 अगस्त की दरम्यानी रात गोबरा जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। सुरक्षाबलों का दबाव बढ़ता देख नक्सली भाग निकले। इसके बाद आत्मसमर्पित नक्सलियों की निशानदेही पर पुलिस ने जंगल की सर्चिंग कर भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और नकदी बरामद की।

बरामदगी में शामिल हैं –

₹16.50 लाख नगद,देशी बीजीएल (4 नग), सुरका सेल (4 नग),हैंड ग्रेनेड (1 नग),इंसास व एसएलआर मैगजीन, 5.56 व 7.62 एमएम कारतूस,जिलेटिन रॉड (15 नग), इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर (50 नग), टिफिन बम (1 नग),लैपटॉप, चार्जर, रेडियो और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

पुलिस की संयुक्त कार्रवाई बनी मिशाल

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह सफलता जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ और कोबरा की संयुक्त कार्ययोजना का नतीजा है। आत्मसमर्पण से न केवल नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है, बल्कि इलाके में शांति बहाली की दिशा में भी यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है।

बड़ा असर – नक्सलियों के मनोबल पर चोट

आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली 19 लाख रुपए के इनामी बताए गए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस घटना से नक्सलियों के मनोबल पर गहरी चोट पहुंचेगी। साथ ही जंगलों में छिपे अन्य नक्सलियों पर भी आत्मसमर्पण का दबाव बनेगा।

कुल मिलाकर, गरियाबंद पुलिस की यह कार्रवाई नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए "गेम चेंजर" साबित हो रही है।