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सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम: डुमरपीटा बूथ में शिव मंदिर प्रांगण की सफाई और वृक्षारोपण

सरपंच रोशनी प्रधान ने कहा: साफ-सफाई और पर्यावरण से जुड़े यह कदम है गाँव के भविष्य की सुरक्षा

गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क गरियाबंद 

डुमरपीटा, 29 सितंबर: आज सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत डुमरपीटा बूथ क्रमांक 209 में शिव मंदिर प्रांगण में एक विशेष स्वच्छता अभियान आयोजित किया गया। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण की सफाई के साथ ही “एक पेड़ मां के नाम” वृक्षारोपण भी किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और ग्रामवासियों में हरियाली के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश गया।

कार्यक्रम में ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती रोशनी प्रधान,सेवा पखवाड़ा बूथ प्रभारी गणेश यादव,सह प्रभारी चरण सिंह बीसी, मंडल उपाध्यक्ष हीरालाल मांझी,सुरेंद्र सिन्हा, सदाराम मरकाम (बूथ अध्यक्ष),दुर्गेश सोनवानी,शशि देवी मरकाम, धनमती, चंद्रशेखर,अंकुर,नारायण प्रधान,परशुराम प्रधान,हृदय राम, मनोज नेताम,सदानन्द प्रधान,कामदेव बीसी तथा सह प्रभारी सेवा पखवाड़ा मंडल देवभोग दिनेश वैष्णव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

इस दौरान सरपंच श्रीमती रोशनी प्रधान ने कहा,

“सेवा पखवाड़ा के तहत आयोजित यह कार्यक्रम हमारे गांव के लिए महत्वपूर्ण पहल है। साफ-सफाई और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियों से न केवल ग्रामीणों में स्वच्छता और हरियाली के प्रति जागरूकता बढ़ती है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा बनता है। हम चाहते हैं कि इस तरह के प्रयास नियमित रूप से जारी रहें।”

सेवा पखवाड़ा बूथ सह प्रभारी चरण सिंह बीसी ने कहा,

“आज का कार्यक्रम हमारे गांव में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को मजबूत करने का एक प्रयास है। ग्रामवासियों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति ने इस पहल को और भी सफल बनाया। हमारा लक्ष्य है कि सेवा पखवाड़ा के माध्यम से हर गाँव में साफ-सफाई और हरियाली का संदेश पहुंचे और यह अभियान निरंतर चलता रहे।”

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने न केवल मंदिर प्रांगण की सफाई में हाथ बंटाया, बल्कि वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह के आयोजन गांव को स्वच्छ और हरियाली से भरपूर बनाने में मददगार हैं।

इस सेवा पखवाड़ा अभियान के माध्यम से स्थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायत का यह प्रयास ग्रामीणों में सामाजिक जिम्मेदारी और पर्यावरण जागरूकता पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।