गजानंद कश्यप गरियाबंद
देवभोग_त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का नामांकन का प्रक्रिया 27 जनवरी से शुरू हो गई है। ऐसे में पंच सरपंच के फार्म खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई है इसी बीच विकासखंड देवभोग के ग्राम पंचायत रोहनागुड़ा में पहले सरपंच में परमानंद नागेश के पत्नी बोटिंग से जीत हासिल कर सरपंच बन चुके थे अब फिर दूसरी बार ग्रामीणों ने आपसी सहमति से परमानंद नागेश को निर्विरोध सरपंच के रूप में फॉर्म भरवा दिया है।
2020 में वोटिंग से जीत हासिल किए सरपंच के रूप में परमानंद नागेश के पत्नी को ग्रामीणों ने वोटिंग से जीत दिला कर चुना था। ग्राम पंचायत पुरुष आरक्षित आने की वजह से इस बार परमानंद नागेश को निर्विरोध सरपंच चुन लिया गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत लगभग 1400 से प्लस मतदाता है। जिसमें आश्रित ग्राम जामगांव आता है।
राजनीतिक दलों के लिए बड़ा संदेश
इस ऐतिहासिक फैसले से राजनीतिक दलों को भी सीख लेने की जरूरत है, क्योंकि आमतौर पर चुनाव के दौरान गांवों में गुटबाज़ी, विवाद और आपसी मतभेद देखने को मिलते हैं। लेकिन ग्राम पंचायत रोहनागुडा गांव के लोगों ने यह साबित कर दिया कि एकता और समझदारी से बड़े से बड़े निर्णय भी शांतिपूर्ण तरीके से लिए जा सकते हैं।
गांववालों का कहना है कि वे राजनीति में नहीं बल्कि विकास और समृद्धि में विश्वास रखते हैं। यही कारण है कि उन्होंने आपसी सहमति से अपने जनप्रतिनिधियों का चयन किया। निर्विरोध चुनाव की यह पहल आने वाले समय में अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।
इस मामले में जब निर्विरोध सरपंच परमानंद नागेश से चर्चा किया तो उन्होंने कहा कि ये मेरा जीत नहीं ये जनता की जीत है।जनता मुझे निर्विरोध चुनी है और मुझे सरपंच फिर से बनाई है जनता का भरोसा ओर विश्वास जताया है उन पर खरे उतरूंगा और ग्राम पंचायत रोहनागुड़ा को विकास की गति को ओर आगे ले जाऊंगा।










