गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद_ मुख्यधारा से जुड़कर जीवन में नई शुरुआत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए जिला गरियाबंद में कुल 22 आत्मसमर्पित माओवादियों ने ‘उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ के तहत आयोजित राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा में भाग लिया।
छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना नीतियों से प्रेरित होकर ये सभी पूर्व नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर शिक्षा, सम्मान और स्वाभिमान के नए रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।
शिक्षा की ओर सार्थक कदम
07 दिसंबर 2025 को आयोजित साक्षरता महापरीक्षा में शामिल होकर इन 22 पूर्व माओवादियों ने यह संदेश दिया कि ज्ञान और शिक्षा ही प्रगति का नया मार्ग है।
स्वावलंबन की दिशा में प्रशिक्षण
आत्मनिर्भर बनाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा कौशल विकास योजना के तहत उन्हें लाइवलीहुड कॉलेज गरियाबंद में विभिन्न trades का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है —
सिलाई मशीन प्रशिक्षण
वाहन चालक प्रशिक्षण
प्लंबर प्रशिक्षण
भविष्य में भी मिलेगा शासन का सहयोग
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकारी योजनाओं का पूर्ण लाभ प्रदान कर उन्हें पूरी तरह सशक्त बनाया जाएगा।
गरियाबंद की यह पहल न सिर्फ सफलता की नई कहानी लिख रही है, बल्कि समाज में बदलाव का प्रेरक उदाहरण भी बन रही है।











