गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क गरियाबंद
गरियाबंद_धान खरीदी सत्र में अवैध धान परिवहन पर रोकथाम के लिए जिले में पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। शासन के निर्देशों के अनुरूप थाना देवभोग पुलिस लगातार गश्त, चेकिंग और मुखबिर तंत्र के माध्यम से तस्करों पर शिकंजा कस रही है। ऐसी लगातार कार्यवाहियों से तस्करों की कमर टूट चुकी है, लेकिन सवाल यह भी है कि आखिर इतनी सख्ती के बाद भी तस्कर जोखिम उठाकर तस्करी को अंजाम क्यों दे रहे हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार बाहर के राज्यों में धान के मूल्य, कालाबाजारी की संभावनाएँ और स्थानीय स्तर पर जुड़े नेटवर्क तस्करों को लगातार उकसाते हैं। हालांकि पुलिस की कड़ी निगरानी अब उनके इरादों पर भारी पड़ रही है।।
इसी सख्ती का परिणाम 11 दिसंबर 2025 को फिर देखने मिला जब थाना देवभोग पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। पेट्रोलिंग के दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि ओड़िशा राज्य से एक अशोक Leyland पिकअप (CG 04 PW 7667) अवैध धान लेकर ग्राम अमाड़ मार्ग से छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहा है।
पुलिस टीम तत्काल सक्रिय हुई और संदिग्ध वाहन को चिन्हित कर उसका पीछा किया गया। ग्राम मुरलीगुड़ा के पास वाहन को घेराबंदी कर रोक लिया गया।
वाहन चालक ने अपना नाम बताया—रमन दास पिता विनोद कुमार दास, उम्र 25 वर्ष, निवासी बुरोमाल, थाना कांटाभांजी, जिला तुरईकेला (ओड़िशा)।
तलाशी में वाहन से 67 बोरी धान बरामद हुआ। चालक किसी भी प्रकार का वैध दस्तावेज, बिल, अनुमति या धान की उत्पत्ति संबंधी प्रमाण नहीं दे सका। प्रथम दृष्टया मामला स्पष्ट अवैध धान तस्करी का पाए जाने पर पुलिस ने वाहन सहित धान को विधिवत जप्त कर थाना देवभोग लाया। जप्त धान को सुरक्षित रखते हुए आगे की वैधानिक कार्रवाई प्रचलित है।
लगातार सफल कार्यवाहियों ने तस्करी नेटवर्क को कमजोर जरूर किया है, पर पुलिस की चुनौती यह भी है कि ऐसे गिरोह क्यों और कैसे बार-बार नए तरीके ढूंढकर तस्करी का प्रयास करते हैं। देवभोग पुलिस का कहना है—सख्ती आगे भी जारी रहेगी।











