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MAINPUR NEWS: जर्जर भवन में बच्चे,यू-डाइस कोड बंद, मध्यान भोजन ढप — ओंकार पारा के मासूमों पर टूटी शिक्षा की मार

गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क, गरियाबंद

मैनपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाली शासकीय प्राथमिक शाला ओंकार पारा (संकुल केंद्र झरागांव, जिला गरियाबंद) की स्थिति बेहद चिंताजनक है। विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है, दीवारों की पुताई उखड़ गई है, और बच्चों को बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं। यहाँ केवल दो शिक्षक कार्यरत हैं और कुल पाँच विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विद्यालय में कक्षा पहली से पाँचवीं तक की पढ़ाई संचालित की जा रही है, लेकिन हालात इतने खराब हैं कि बच्चे भय के माहौल में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

यू-डाइस कोड बंद, सरकारी योजनाएँ ढप

जानकारी के अनुसार विद्यालय का U-DISE Code (Unified District Information System for Education) वर्ष 2024-25 से बंद है। इस कारण से स्कूल को किसी भी सरकारी योजना — जैसे मध्यान भोजन, छात्रवृत्ति या पुस्तक वितरण — का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यू-डाइस कोड बंद होने से विद्यालय का अकाउंट भी निष्क्रिय है, जिससे टेबल, कुर्सी या अन्य जरूरी सामग्री की व्यवस्था तक नहीं हो पा रही।

मध्यान भोजन योजना ढप 

विद्यालय में मध्यान भोजन (Mid Day Meal) योजना पिछले कई वर्षों से ढप पड़ी है। जानकारी के अनुसार, यू-डाइस कोड वर्ष 2024_25 इस सत्र से बंद हो गया है, जिसके चलते शासन की किसी भी योजना — जैसे मध्यान भोजन, छात्रवृत्ति, या पुस्तक वितरण — का लाभ इस विद्यालय को नहीं मिल पा रहा है।

शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष पद्ममन मांझी ने बताया —“यू-डाइस कोड बंद होने के बाद से मध्यान भोजन बनना बंद हो गया है। वर्ष 2019 तक कार्यकर्ता पुरन मांझी बच्चों के लिए घर पर भोजन बनाकर लाते थे, लेकिन मानदेय न मिलने के कारण उन्हें भी रुकना पड़ा।”

बच्चों को नहीं मिली पुस्तकें और छात्रवृत्ति

शिक्षकों ने बताया कि इस सत्र में बच्चों को छात्र पुस्तिकाएँ नहीं मिली हैं और कक्षा 3 की छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ भी नहीं दिया गया है।

जर्जर भवन में जारी पढ़ाई

बच्चे दीवारों से झड़ती पपड़ी और टूटी छत के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बारिश के दिनों में हालात और भी खतरनाक हो जाते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि विद्यालय का यू-डाइस कोड पुनः सक्रिय किया जाए, ताकि बच्चों को पुनः सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

सरकार के दावों पर सवाल

राज्य सरकार एक ओर शिक्षा के विकास और गुणवत्ता पर करोड़ों खर्च करने के दावे करती है, लेकिन मैनपुर ब्लॉक का ओंकार पारा स्कूल इन दावों की सच्चाई बयां कर रहा है। अगर बच्चों के लिए ऐसी परिस्थितियाँ निर्मित होंगी, तो क्या वे कभी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल कर पाएंगे?