गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क गरियाबंद
देवभोग_बुधवार को देवभोग जनपद में सभी रोजगार सहायक और आवास मित्रों की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें जिला पंचायत सीईओ ने योजनाओं की प्रगति पर विस्तार से चर्चा करते हुए अधूरे कार्यों पर नाराजगी जताई। बैठक में विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अधूरे मकानों पर फोकस रहा।
सीईओ ने साफ शब्दों में निर्देश दिया कि जिन आवासों का निर्माण अधूरा पड़ा है, उन्हें निर्धारित समयसीमा के भीतर हर हाल में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा — “सरकार की मंशा है कि गरीबों को समय पर पक्का घर मिले। देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई तय है।”
बैठक में आवास मित्रों को लाभार्थियों से सतत संपर्क बनाए रखने, मजदूरी और सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। वहीं रोजगार सहायकों और सचिवों से कहा गया कि अधूरे आवासों की रिपोर्ट रोजाना अपडेट करें और यदि कहीं अड़चन हो तो तत्काल जनपद कार्यालय को सूचित करें।
सीईओ ने यह भी चेतावनी दी कि फील्ड में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ शो-कॉज नोटिस और निलंबन जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में यह तय हुआ कि अगले पखवाड़े के भीतर अधूरे आवासों की संख्या में कम से कम 70% की कमी लाई जाएगी, और हर पंचायत का प्रगति चार्ट सार्वजनिक किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, देवभोग क्षेत्र में अभी भी सैकड़ों आवास अधूरे पड़े हैं, जबकि कई लाभार्थी निर्माण सामग्री और मजदूरी की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने अब सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी जारी कर दी है।
लगता है इस बार देवभोग में “अधूरा मकान” सरकारी फाइलों में दबा नहीं रहेगा, बल्कि जल्द ही हकीकत में पक्के घर बनकर सामने आएगा।










