पिकनिक समझ कर गए थे, मौत-सा खौफ लेकर लौटे... घटारानी गैंगरेप केस में आया ऐतिहासिक फैसला
गजानंद कश्यप गरियाबंद
गरियाबंद_घटारानी के शांत जंगलों में एक बार इंसानियत कांप उठी थी, जब 2023 में वहां सैर पर गई एक युवती के साथ दरिंदगी की गई। अब उसी जंगल के सन्नाटे को तोड़ते हुए अदालत से इंसाफ की गूंज सुनाई दी है। विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा की अदालत ने दोनों आरोपियों महेंद्र सिन्हा और राजू यादव को उम्रकैद की सजा सुनाकर यह साफ कर दिया है—जंगल कानून नहीं, अब कानून का जंगल चलेगा।
कैसे टूटा था घटारानी का सन्नाटा?
घटना फिंगेश्वर थाना क्षेत्र की है, जहां युवती अपने पुरुष मित्र के साथ एक सामान्य दिन बिताने गई थी। लेकिन यह दिन उस पर कहर बनकर टूटा जब छुईहा गांव के महेंद्र सिन्हा और जोगीडीपा के राजू यादव ने पहले युवक की पिटाई की, फिर युवती को लूटकर धमकाया और जंगल में ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया।
पुलिस ने दिखाई फुर्ती, अदालत ने दिखाई सख्ती
घटना के बाद फिंगेश्वर थाने में दर्ज रिपोर्ट के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को धरदबोचा। मजबूत साक्ष्य और ठोस चार्जशीट ने कोर्ट को भी झकझोर दिया, और नतीजा—उम्रकैद की सजा।
अब सलाखों के पीछे... कोई माफी नहीं
जिन जंगलों में उन्होंने डर फैलाया, अब वहां से बहुत दूर, जेल की चारदीवारी में दोनों दरिंदे जिंदगी भर सड़ेंगे। यह फैसला न सिर्फ पीड़िता के लिए इंसाफ है, बल्कि समाज के लिए एक कड़ा संदेश भी।