नए सत्र के पहले उरमाल हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी भवन का कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन - देवानंद राजपूत
पिछले वर्ष से एक कैम्पस में दो पालियों में पढ़ाई हो रही है ऐसे में कैसे पढ़ाई संभव
कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो अलग मसला शुरू हो गई स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए त्वरित व्यवस्था के लिए पहली कक्षा से लेकर बारहवीं तक एक कैम्पस में दो पालियों में पढ़ाई करना शुरू कर दिया गया। जिससे दो पालियों में पढ़ाई होने के वजह से पढ़ाई में छात्रों के लिए स्कूल में उचित शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। दो पालियों में प्राथमिक शाला, माध्यमिक ओर हाई स्कूल की पढ़ाई की जाती है। किया दो पालियों में पढ़ाई संभव है इस पर शासन प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
बिंद्रानवागढ़ शिविर में तात्कालिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी घोषणा में नवीन भवन हेतु स्वीकृति की थी प्रदान
मामला इस प्रकार है 2023 बिंद्रानवागढ़ शिविर में तात्कालिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी घोषणा में धुर्वागुड़ी और उरमाल हाई तथा हायर सेकेंडरी की नवीन भवन हेतु स्वीकृत प्रदान की,उसके बाद सरकार रहते प्रकिया आगे बढ़ी और 1.21 लाख की राशि स्वीकृति भी मिली,उसका टेंडर भी हुआ तथा ठेकेदार भी मिल गया,लेकिन कार्य आदेश नहीं मिल पाया कुछ महीनों बाद चुनाव हुआ और इतना ही नहीं कार्य आदेश के लिए स्थानीय नेता और ग्रामीण दर दर भटक रहे है किंतु आजतक कार्य आदेश नहीं मिल पाया जिससे अभी भी काम रुका हुआ है।
यह देखने योग्य होगा कि उरमाल स्कूल भवन निर्माण कि समाधान शिविर में प्राप्त शिकायत पर किया उचित कदम उठाती है
कुल मिलाकर, समाधान शिविर प्रशासन और जनता के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह देखने योग्य है कि प्रशासन शिविर में प्राप्त शिकायतों और समस्याओं पर उचित कार्रवाई करता है या नहीं।
मामले में युवा कांग्रेस नेता देवानंद राजपूत ने भाजपा सरकार को ठहराया जिम्मेदार
उन्होंने कहा है कि भाजपा छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है,दो पालियों में संचालित होने की वजह से सभी कक्षाओं के परिणाम काफी प्रभावित हुए है इस वर्ष तो 10वी का उत्तीर्ण प्रतिशत मात्र 68% रह गया है,उरमाल स्कूल जिले के टॉप स्कूलों में एक थी लेकिन राजनीति की शिकार हो गई है।
कांग्रेस नेता देवानंद राजपूत ने कहा कि नए शिक्षा सत्र से कार्य प्रारंभ नहीं होता हैं तो आंदोलन करने में बाध्य होना पड़ेगा
इस सत्र से पहले कार्य आदेश नहीं मिलने और कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो हम आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।