आपको बता दें कि विगत समय में कई बार माता और उनके चाचा के द्वारा पंचायत,जनपद पंचायत,ओर शिविरों के चक्कर लगाए गए परंतु पंचायत भी ध्यान नहीं दिया। शिविर के आवेदन को भी अनदेखा किया गया। सहयोग करना तो दूर खैर खबर तक नहीं ली गई पंचायत के जिम्मेदारों ने परिवार को मार्गदर्शन तक नहीं दिया।ओर सहयोग के तौर पर किसी प्रकार से कड़े कदम नहीं उठाए गए जिसका खामियाजा दिव्यांक बच्चों को भुगतना पड़ रहा है सरकार बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन दिव्यांक तक शासन की हर संभव मदद पहुंच नहीं पा रही है।https://youtu.be/zx9GLSUfE3s?si=KyIbMvF7zNsMSuLm
शासकीय योजना का नहीं मिल रहा लाभ _मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान वरुण के चाचा घासी राम यादव ने बताया कि वरुण यादव 16 वर्ष का है इसकी पढ़ाई 5 वीं तक हुई है। जब वह छोटा था तब हम उसे झाखरपारा कलेक्टर कैंप लेकर गए थे, तो डॉक्टरों के द्वारा विकलांग सर्टिफिकेट बना कर दिया गया था। परंतु जब विकलांग सर्टिफिकेट लेकर पंचायत,जनपद पंचायत,ओर कई शिविरों में भी पेंशन के लिए दिया लेकिन उन्होंने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया हम चाहते हैं कि शासकीय योजना का लाभ मिले और पेंशन बन जाए ताकि बच्चा का कम से कम भरण-पोषण कर सके ।