पेंशन पाने दर-दर की ठोकरें खाने में मजबूर हुआ 16 वर्षीय वरुण यादव,देखिए पूरे रिपोर्ट ...

गजानंद कश्यप गरियाबंद
देवभोग_एक ओर प्रदेश सरकार द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर दिव्यांक बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ देकर उनकी मदद किए जाने का दावा किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिले में ऐसे कई विकलांग बच्चे हैं जिन पर शासन प्रशासन ने अब तक नजरें इनायत नहीं की है। ताजा मामला गरियाबंद जिला के देवभोग विकासखंड के ग्राम पंचायत झाखरपारा के टांडीपारा का है। जहा एक 16 वर्षीय वरुण यादव जो दिव्यांग है,विगत कई वर्षों से अपने बच्चों का पेंशन पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।16 वर्षीय वरुण यादव के चाचा का कहना है कि  बच्चे जन्म से ही विकलांग है  पेंशन के लिए दर दर की ठोकर खा रहा है इसको लेकर पंचायत द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

आपको बता दें कि विगत समय में कई बार माता और उनके चाचा के द्वारा पंचायत,जनपद पंचायत,ओर शिविरों के चक्कर लगाए गए परंतु पंचायत भी ध्यान नहीं दिया। शिविर के आवेदन को भी अनदेखा किया गया। सहयोग करना तो दूर खैर खबर तक नहीं ली गई पंचायत के जिम्मेदारों ने परिवार को मार्गदर्शन तक नहीं दिया।ओर सहयोग के तौर पर किसी प्रकार से कड़े कदम नहीं उठाए गए जिसका खामियाजा दिव्यांक बच्चों को भुगतना पड़ रहा है सरकार बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन दिव्यांक तक शासन की हर संभव मदद पहुंच नहीं पा रही है।https://youtu.be/zx9GLSUfE3s?si=KyIbMvF7zNsMSuLm

शासकीय योजना का नहीं मिल रहा लाभ _मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान वरुण के चाचा घासी राम यादव ने बताया कि वरुण यादव 16 वर्ष का है इसकी पढ़ाई 5 वीं तक हुई है। जब वह छोटा था तब हम उसे झाखरपारा कलेक्टर कैंप लेकर गए थे, तो डॉक्टरों के द्वारा विकलांग सर्टिफिकेट बना कर दिया गया था। परंतु जब विकलांग सर्टिफिकेट लेकर पंचायत,जनपद पंचायत,ओर कई शिविरों में भी पेंशन के लिए दिया लेकिन उन्होंने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया हम चाहते हैं कि शासकीय योजना का लाभ मिले और पेंशन बन जाए ताकि बच्चा का कम से कम भरण-पोषण कर सके ।




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