गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क गरियाबंद
देवभोग_खरीफ की तैयारी जोरों पर है और किसान अब अपने खेतों को संवारने में जुट गए हैं। ऐसे में अगर सबसे ज़रूरी चीज़ों की बात करें, तो वह है - खाद और बीज।किसान की मेहनत तभी रंग लाती है जब उसे समय पर गुणवत्तापूर्ण इनपुट्स मिलें। यही सुनिश्चित करने एसडीएम तुलसीदास मरकाम ने शुक्रवार को कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और क्षेत्र की सभी समितियों के प्रबंधकों की एक सख्त और अहम बैठक ली।
बैठक में एसडीएम ने दो टूक शब्दों में कहा —
"अब किसानों को लाइन में लगकर परेशान होने की नौबत नहीं आनी चाहिए। हर समिति में पर्याप्त स्टॉक हो, और वितरण में पारदर्शिता हो — यही हमारी प्राथमिकता है।"
“किसान को, उसका हक़ दो!”
बैठक के दौरान एसडीएम श्री मरकाम का रवैया पूरी तरह से किसानों के पक्ष में रहा। उन्होंने अधिकारियों को साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर कहीं पर भी लापरवाही मिली — चाहे वह स्टॉक की हो, कालाबाज़ारी की या फिर किसानों से दुर्व्यवहार की — तो सीधे एफआईआर दर्ज होगी और जिम्मेदार जेल जाएंगे।
उन्होंने कहा —
"किसान को उनकी हक़ समय पर और सम्मान के साथ मिलना चाहिए।"
DAP, यूरिया, बीज — सब स्टॉक में, लेकिन निगरानी जरूरी
बैठक में कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में अभी तक 500 मीट्रिक टन यूरिया, 300 मीट्रिक टन डीएपी, और 50 क्विंटल संकर धान बीज की आपूर्ति की जा चुकी है। लेकिन एसडीएम ने सिर्फ आंकड़ों से संतोष नहीं जताया। उन्होंने हर समिति से भौतिक सत्यापन रिपोर्ट तलब की और निर्देश दिया कि प्रत्येक दिन का स्टॉक अपडेट ऑनलाइन सिस्टम में डाला जाए।
डीएपी एवं 1001 धान की मांग _
एसडीएम मरकाम के समकक्ष प्रबंधकों की मांग भी रखी गई जिसमें उन्होंने कहा कि डीएपी और 1001 धान की कमी हो रही इसकी जानकारी एसडीएम को दी गई,उन्होंने कहा कलेक्टर सर को इसके बारे में अवगत करा दिया जायेगा।
भीड़ नहीं, सिस्टम से मिलेगा खाद!
एसडीएम मरकाम ने यह भी साफ किया कि समितियों में अनावश्यक भीड़ से किसानों को परेशानी न हो। इसके लिए टोकन व्यवस्था, पंचायतवार शेड्यूल और कंट्रोल रूम नंबर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि "खेतों में पसीना बहाने वाला किसान समिति में धक्के न खाए, यह हमारी जिम्मेदारी है।"
किसानों ने जताया भरोसा, कहा — इस बार उम्मीद बंधी है_
बैठक के बाद कुछ समिति प्रबंधकों और स्थानीय किसानों से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस बार प्रशासन की तैयारी पहले से कहीं बेहतर है। ग्राम के किसान ने कहा —
"पहली बार ऐसा लग रहा है कि अधिकारी ज़मीन पर सोच रहे हैं, वरना तो हमें हमेशा आखिरी नंबर पर रखा जाता था।"
निगरानी में नहीं दिखी ढील, एसडीएम खुद करेंगे औचक निरीक्षण_
बैठक के अंत में एसडीएम मरकाम ने कहा कि वे खुद मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे। यदि किसी समिति में स्टॉक गायब पाया गया, या किसानों को परेशान किया गया — तो कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे किसी भी समस्या की जानकारी सीधे एसडीएम कार्यालय या कंट्रोल रूम नंबर पर दें।
इस खरीफ सीजन में देवभोग का प्रशासन किसानों के लिए तैयार दिख रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि ज़मीनी हकीकत में यह तैयारी कितनी असरदार साबित होती है। फिलहाल, किसान आशावान हैं — और यही सबसे बड़ी बात है।








