गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क गरियाबंद
देवभोग_धान खरीदी की प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई है, लेकिन उड़ीसा से अवैध रूप से धान की आमद देवभोग-अम्लीपदर क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ गई है। सीमावर्ती इलाकों से रोज़ाना पिकअप और बड़े वाहनों के माध्यम से ओड़िशा का धान देवभोग और आसपास के व्यापारियों तक पहुँचाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार,खुटगांव चेकपोस्ट से होकर प्रतिदिन धान से भरे वाहन छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह धान स्थानीय गोदामों और कारोबारियों के पास जमा किया जा रहा है, ताकि जब सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो, तब इसे स्थानीय किसानों के नाम पर खपाया जा सके।
खुटगांव,केंदूवन,अम्लीपदर, तेतलखुटी,कैंटपदर,खोखसरा, उसरीपानी,उरमाल,फलसापारा,भतराबहली,भरवामुड़ा,नागलड़ीही और धूपकोट- ओड़िशा बॉर्डर से सटे होने के कारण तस्करों को धान लाने-लेजाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती। रात के समय इन इलाकों से वाहनों की आवाजाही आम बात हो गई है।
जानकारों का कहना है कि इस तरह की अवैध गतिविधियाँ न केवल स्थानीय किसानों के हक़ पर डाका डाल रही हैं, बल्कि शासन की खरीदी व्यवस्था को भी प्रभावित कर रही हैं। ऐसे में प्रशासन और खाद्य विभाग को सीमावर्ती इलाकों में सख्त निगरानी और नियमित जांच की ज़रूरत है, ताकि अंतरराज्यीय धान तस्करी पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।
देखना यह होगा कि प्रशासन कब इस बढ़ती तस्करी पर अंकुश लगाने में सफल होता है।




 




 
 
 
 
 
 
 
 
 
 


 
 
 
 
 
