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गरियाबंद जिले में हाथियों के आतंक से त्रस्त ग्रामीण — किसानों व आमजनों ने किया धरना-प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन


गजानंद कश्यप छत्तीसगढ़ न्यूज डेस्क गरियाबंद 

गरियाबंद_जिले के कई ग्रामों में बीते कई वर्षों से हाथियों के लगातार उत्पात से परेशान किसानों और ग्रामीणों ने 16 अक्टूबर को मैदनपुर में एकजुट होकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री को संबोधित ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मैदनपुर को सौंपा गया। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के झुंड आए दिन खेतों की फसलों को रौंद रहे हैं, घरों को नुकसान पहुँचा रहे हैं और कई बार जानमाल की क्षति भी हो चुकी है। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि हाथियों के हमलों से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, कई परिवारों के सदस्य मारे गए हैं, परंतु वन विभाग की ओर से न तो पर्याप्त राहत दी जा रही है और न ही सुरक्षा के प्रभावी इंतज़ाम किए गए हैं।

संजय नेताम (जिला पंचायत सदस्य) ने कहा कि “हाथियों के आतंक से किसान और आमजन भय के साए में जी रहे हैं। शासन-प्रशासन की लापरवाही से जनता में भारी आक्रोश है। अब अगर शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।”

ग्रामीणों की मुख्य माँगें इस प्रकार रखी गईं —

फसल क्षति पर पूर्ण मुआवजा:

हाथियों द्वारा रौंदी गई फसलों को पूर्ण क्षति मानते हुए प्रति एकड़ ₹75,000 मुआवजा दिया जाए तथा शेष फसल का बीमा कराया जाए।

जनहानि पर सहायता:

हाथियों के हमले में मृत व्यक्तियों के परिजनों को ₹50 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।

वन विभाग की जवाबदेही तय हो:

वन विभाग हाथियों से सुरक्षा और मुआवजा दोनों की गारंटी सुनिश्चित करे।

प्रवासी हाथियों का पुनर्वास:

जिले में विचरण कर रहे सभी प्रवासी हाथियों को उनके मूल निवास क्षेत्र में वापस भेजा जाए।

गाँवों में सफाई व प्रकाश व्यवस्था:

हाथी प्रभावित गाँवों में सड़क किनारे झाड़ियाँ साफ कर स्ट्रीट लाइट व सोलर पैनल लगाए जाएँ ताकि रात्रि में सुरक्षा बनी रहे।

सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएँ:

किसानों को हाई पावर टॉर्च जैसी सामग्री उपलब्ध कराई जाए जिससे वे रात में सतर्क रह सकें।

ग्रामीणों ने प्रशासन से माँग की है कि इन सभी बिंदुओं पर शीघ्र निर्णय लेकर किसानों, ग्रामीणों व आम नागरिकों में शासन के प्रति विश्वास बहाल किया जाए, ताकि क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा कायम रहे।