देवभोग प्रेस क्लब में मनाई गई पत्रकारिता के आदिपुरुष देवर्षि नारद की जयंती
पत्रकार बनना आसान पर बने रहना मुश्किल
गजानंद कश्यप गरियाबंद/देवभोग में पत्रकारों ने बुधवार को आदि पत्रकार माने जाने वाले देवर्षि नारद की जयंती मनाई गई। छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ देवभोग प्रेस क्लब में आयोजन किया गया। हर वर्ष मनाई जाने वाली नारद जयंती न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि पत्रकारिता जगत के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है। देवर्षि नारद को भारतीय परंपरा में प्रथम संवाददाता के रूप में जाना जाता है। वे ज्ञान, सूचना और संवाद के वाहक थे, जो तीनों लोकों में भ्रमण कर सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे। नारद मुनि की विशेषता थी कि वे कभी भी अपने संवादों में पक्षपात नहीं करते थे। वे जो देखते, वही कहते और समाज के कल्याण के उद्देश्य से संवाद करते। उनका उद्देश्य कभी अफवाह फैलाना नहीं था, बल्कि समाज को जागरूक करना, सोई हुई चेतना को जगाना और विचारों में गति पैदा करना था। आज जब पत्रकारिता कई बार व्यावसायिकता, टीआरपी की दौड़ और राजनीतिक दबावों से जूझ रही है, तब नारद मुनि की निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा अत्यंत प्रासंगिक हो जाती है। पत्रकारों को चाहिए कि वे देवर्षि नारद की तरह निर्भीक होकर संवाद करें, जहां सत्य सर्वोपरि हो।
कार्यक्रम में मनमोहन नेताम,जयविलास शर्मा,धनंजय बिहारी,देवीचरण ठाकुर,गजानंद कश्यप उपस्थित रहे।
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