![]() |
फाइल फोटो |
निजी विद्यालय हेतु नियम एवं शर्तें लागू
प्रत्येक निजी विद्यालय निम्न नियम शर्तों का पालन करना सुनिश्चित करें - जिला शिक्षा अधिकारी
गजानंद कश्यप देवभोग गरियाबंद_जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रत्येक निजी विद्यालय निम्न नियम शर्तों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा है कि जिस बोर्ड से संस्था को मान्यता प्राप्त है उस बोर्ड का नाम मुख्य द्वार पर लगाना/प्रदर्शित करना अनिवार्य है। जिस बोर्ड से मान्यता प्राप्त है उसी बोर्ड से सम्बंधित पाठ्य पुस्तक का पठन-पाठन अनिवार्य है। यदि छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त है तो छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्धारित पाठ्य पुस्तक ही अपने संस्था में लागू करेंगे, इसके अतिरिक्त किसी अन्य निजी प्रकाशक का पाठ्य पुस्तक नहीं चलाना है और ना ही पालक को क्रय करने के लिए बाध्य करना है। यदि सीबीएसीई बोर्ड से संस्था को मान्यता प्राप्त है तो एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठ्य पुस्तक ही अपने संस्था में लागू करेंगे। इसके अतिरिक्त किसी अन्य निजी प्रकाशक का पाठ्य पुस्तक नहीं चलाना है और न ही पालक को क्रय करने के लिए बाध्य करना है।
सत्र के अंत में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा आयोजित केन्द्रीयकृत परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य है। विद्यार्थियों को संस्था में बेल्ट, टाई, बैग, युनिफार्म, जूता, नोटबुक एवं अन्य सामग्री की बिक्री नहीं करना है और ना ही किसी दुकान विशेष से क्रय करने के लिए पालक को बाध्य करना है। जिस संस्था द्वारा वाहन की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है, वहां न लाभ न हानि के सिद्धांत का पालन करते हुये वाहन का संचालन करेंगे। शिक्षा सत्र के आरंभ में प्रत्येक निजी विद्यालय अपने नोडल प्राचार्य के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उक्त नियम शर्तों का पालन न करने वाले एवं किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित निजी विद्यालय के प्रति शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।